Page 37 - Ankur Vol 2
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िावर्षगक प्रदशगनी


                      विद्यालय की िावर्षगक प्रदशगनी का इंतजार हर एक को बेसिी से रहता है| यह एक ऐसा

               उत्सि होता है जजसमें भार् लेने के  मलए न के िल िािर्र् उत्सुक रहते हैं बजवक उनके  अमभभािक

               भी| प्रदशगनी की ततगथ घोवर्षत होते ही बच्चों में खुशी,उमंर् और उत्साह की लहर दौि जाती है| इस

               िर्षग की प्रदशगनी का आयोजन 03/12/18 को ककया र्या था|

                      अन्य विभार्ों की तरह दहन्दी विभार् की ओर से भी क ु ि संके त त्रबंदु ददए र्ए थे| जैसे

               कक:- दहन्दी ररश्तों की भूल-भुलैया,दहन्दी पहेमलयााँ ि गचिकथा,रोचक त्य ि सूजक्तयााँ,दहन्ही के

               महान रचनाकार ि उनकी रचनाएाँ,दहन्दी प्रश्नोत्तरी इत्यादद| इन कायों में मॉिल और चाटग के  द्िारा
               िािों की प्रततभाएाँ उभर कर सामने आईं|


                       इनके  साथ ही हाँसी के  फौिारे;दहन्दी मुहािरे,कवि र्ोष्ठी का भी आयोजन ककया र्या जो

               कक  सबसे  अगधक  आकर्षगर्  के   कें ि  थे| इसकी  सराहना  न  के िल  मुख्य  अततगथ  ने  की  अवपतु
               दहन्दीतर भार्षी आर्ंतुकों ने भी की|


                       ‘हमारा ओमान-सुंदर ओमान’ विर्षय पर भी अनेकानेक आकर्षगक मॉिल और चाटग प्रस्तुत

               ककए र्ए|सवतनत के  अनेक दशगनीय स्थलों की जानकारी दी र्ई|इस तरह इस सि की िावर्षगक
               प्रदशगनी िास्ति में बहत ही रोचक,मनोरंजक और ज्ञानिधगक रही|
                                     ु

























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