Page 31 - Ankur Vol 2
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घर आते ही उसकी पत्नी ने भी उसका स्िार्त ककया|िोटे भाई ने सोन गचरैया के  बारे में

                  पूिा तो िह भी सच न बता सकी|

                  “आप लोर् उसे खोजकर ले आइए नहीं तो मैं पानी न पीऊाँ र्ा “िोटे भाई ने हठ ककया|


                         उसकी सभी भामभयााँ ब्याक ु ल हो र्ईं |थोिी देर बाद सोन गचरैया योजना के  अनुसार

                  आ र्ई|उसे देखते ही सब खुश होने का ददखािा करने लर्ीं|उस लिकी ने ककसी की मशकायत

                  न की| रात बीत र्ई|

                       दूसरे ददन सबने एक बिा-सा र्ड्ढा खोदिाया| एक-एक औरत को िॉककर पार होने के

                  मलया कहा र्या|बिी औरत ने िॉकने की कोमशश की लेककन र्ड्ढ़े में गर्र र्ई| एक-एक
                  करके  अन्य पााँचों औरतों की भी यही हालत हई| सातिीं औरत  िॉककर पार हो र्ई|
                                                               ु

                         “तनकालो, तनकालो “सभी गचवलाती रहीं  ककन्तु सभी भाइयों ने ऊपर से ममट्टी

                  िालकर उन ि: दुष्ट औरतों को दबा ददया|


                       िोटी औरत दोर्षी न थी|उसने सोन गचरैया को कभी दुुःख न ददया था|इसीमलए िह बच
                  र्ई|सब भाइयों ने  ममलकर सोन गचरैया की शादी एक राजक ु मार से कर दी|िह सुख पूिगक

                  रहने लर्ी|


                                                                                                        th
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