Page 27 - Ankur Vol 2
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खटट ू के कारनामे
एक खरर्ोश का िोटा बच्चा था; नाम था खट्ट ू । क ु ि शैतान क ु ि भोला । जंर्ल में
रहता था । एक ददन उसे एक र्ाजर ममला । उसे क ु तरते हए जंर्ल के बाहर तनकल आया । जब
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र्ाजर ख़तम हआ तब उसने देखा कक िह जंर्ल से बाहर पहंच र्या है । उसे घर जाने का रास्ता
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भी नहीं ममल रहा था । िह बहत िर र्या । थोिी देर बाद उसने रोना शुऱू के र ददया।
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तभी एक आदमी उसके पास आया और उसने पूिा, तुम कौन हो और क्यों रो रहे हो?
खट्ट ू ने कहा, मैं खट्ट ू हाँ और घर का रास्ता भूल र्या हाँ । तुम कौन हो ? आदमी ने कहा, मैं
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रमेश हाँ। क्या मैं तुम्हारी क ु ि मदद कर सकता हाँ? मैं तुम्हे घर तक पहाँचा सकता हाँ । खट्ट ू मान
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र्या । पर यह सच नहीं था । रमेश एक बहत ही बुरा इंसान था । िह जानिर बेचने का काम
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करता था । खट्ट ू उसकी बातों में आ र्या । उसके साथ चल ददया ।
उधर खट्ट ू की मााँ खरर्ी उसे ढ ूंढ-ढ ूंढ कर परेशान हो र्ई।जब उसे बहत देर तक खट्ट ू नहीं
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ममला तो िह मदद मांर्ने जंर्ल के राजा शेर शेनोरर्म के पास र्ई।राजा शेनोरर्म उस समय
मशकार पर जा रहा था।जब उसने मशकार कर मलया तब उसने उसकी बात सुनी।उसने सभी जानिरों
की सभा बुलाई और चारो ददशाओं में दूसरे जानिरों को खट्ट ू को ढ ूंढने के मलए भेज ददया ।
उधर रमेश ने खट्ट ू को वपंजरे में कै द कर मलया था। तब खट्ट ू को पता चला कक रमेश
एक जानिर बेचने िाला आदमी है और उसने झूठ बोला है। रमेश खट्ट ू को लेकर बाज़ार तक
पहाँच चुका था । इधर जानिरों की एक टोली ने खट्ट ू और रमेश को देख मलया और जवदी से
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जाकर राजा शेनोरर्म को सारी बात बता दी । राजा शेनोरर्म और खरर्ी सभी जानिरों के साथ
खट्ट ू को ि ु िाने के मलए तनकल पिे ।
इतने सारे जानिरों और जंर्ल के राजा शेर को देख कर रमेश बुरी तरह िर के मारे
कााँपने लर्ा।राजा शेनोरर्म ने रमेश पर हमला करके उसे मार ददया और खा र्या।और साथ आये
लोमिी, भालू और चीते से कहा कक जो मशकार मैंने जंर्ल में ककया उसे तुम लोर् खा लो।मेरा पेट
तो ऊपर तक भर र्या है ।
सभी जानिर ख़ुशी ख़ुशी िापस जंर्ल आ र्ए।खरर्ी ने राजा को धन्यिाद ददया और खट्ट ू
से आर्े से सािधान रहने के मलए कहा।
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शौनक गुप्ता (6 -C)
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