Page 15 - Ankur Vol 2
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मानिता सबसे बिा धमग
राष्रकवि गुप्त ने भी कहा है कक, “मानिता ही सबसे बड़ा धमम है ।“
मानिता हमें बहत क ु ि मसखाती है। हमें परोपकार, कऱूर्ा आदद मूवयों का पालन करना मसखाती
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है। हमें मेल-ममलाप, प्रेम, शााँतत ि भाईचारे का पाठ पढ़ाती है ।
मानिता, कायग की एक पहचान होती है; जैसे शांत वप्रय होना, सम्मान क े साथ बातें करना, अपने
स्िभाि में उग्रता का प्रयोर् न करना, आदद ।
मानिता क े कायों क े अंतर्गत भी बहत-सी श्रेखर्यााँ हैं, इसमें तीन प्रमुख हैं -
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1. विज्ञान - िैज्ञातनक - अन्िेर्षर्
2. कला - लेखक/कवि - सादहत्य तनमागर्
3. समाज सेिा - समाज सेिक – शांतत ि ऐक्य भाि का तनमागर्
मानिता क े कायों की श्रेखर्यों क े महारथी ।
1. मदर टेरेसा – चाररटी ऑफ़ ममशन (मानि सेिा ही ईश्िर की भजक्त है|)
2. बाबा आमटे – समाज सेिी ि ‘आनंदिन‘ क े संस्थापक ।(क ु ष्ठ रोगर्यों की सेिा)
3. पंड़ित ईश्िरचंि विद्यासार्र – विधिा वििाह कानून |मानिता ईश्िर का दूसरा ऱूप है ।
4. महात्मा र्ााँधी – सत्य और अदहंसा क े बल पर देश को आज़ादी|
नेवसन मंिेला, मलाला, कै लाश सत्याथी, रिींिनाथ ठाक ु र आदद ने भी विश्ि में मानिता के मलए
योर्दान ददया है ।
सीख- मानिता ही सबसे बिा धमग है । अमीरी या र्रीबी में मोल-भाि न करना|एक-दूसरे के सुख-दुख
में सहभार्ी बनना आदद ।
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सौम्य उतनयाल - (8 -E)
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