Page 24 - Ankur Vol 2
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मोबाइल फ़ोन – िरदान और अमभशाप



                      इसमें कोई शक नहीं है कक मोबाइल फ़ोन ने इस इलेक्रॉतनक दुतनया में एक क्रांततकारी
               पररितगन ला ददया है l आज की दुतनया में त्रबना मोबाइल क े जज़ंदर्ी की कवपना भी नहीं कर

               सकते l चौबीस घंटे इंटरनेट की उपलजब्ध के  पररर्ामस्िऱूप हम देखते हैं कक युिा पीढ़ी (मतलब

               हम) अपने आप को पररिार से अलर् कर लेती है और कमरे में बंद रहना पसंद करती हैlहम
               लर्ातार फे सबुक,व्हाट्स ऐप्स आदद ऐप्स पर टेजक्स्टंर्, फ़ोटो पोस्ट करना और कौन जाने क्या-

               क्या देखते-करते रहते हैं l

                     इन सब ऐप्स का युिा िर्ग पर बहत बुरा असर पि रहा हैlउनका व्यिहार बदल रहा है l
                                                         ु
               यह बच्चों और माता-वपता के  ररश्ते में दरार पैदा कर रहा है l अनुसंधानों से हमें पता चलता है

               कक माता-वपता और बच्चों क े बीच स्िस्थ ररश्ता होना, अच्िे नार्ररक के  उत्पादन में एक प्रमुख

               भूममका तनभाता है l मोबाइल फ़ोन का उपयोर्, मानमसक स्िास््य से भी संबंगधत है l
                     यह हर अमभभािक की जज़म्मेदारी है कक िे ककशोर िर्ग को मशक्षक्षत करें और मोबाइल फ़ोन

               के  दुरुपयोर् के  बारे में बताएाँ तथा उन्हें एक उज्ज्िल ि समृद्ध भविष्य की प्रेरर्ा देंlहमारे देश

               का भविष्य युिा िर्ग के  हाथों में है और हमें उगचत अनुशासन,तनदेशों ि तनयमों का पालन करना
               चादहएlमोबाइल फ़ोन  एक  ओर  लाभदायक है  तो  दूसरी  ओर  हातनकारक  भीlइसका उपयोर् हमें

               साँभालकर करना चादहएl


                                                                                                         th
                                                                          ऐशानी श्रीिाथति  (10 -H)





























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