Page 21 - Ankur Vol 2
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सच्चे दोस्त जह ाँ तिरंग ऊाँ च
दोस्त जादू-से होते हैं,
जब याद करो तो आते हैं।
हम बच्चे हैं नन्हें -नन्हें ,
हम उनसे जजंदर्ी भर, भ रि देश हम र है |
बातें करना चाहते हैं। जह ाँ तिरंग ऊाँ च लहरें,
हम उन्हें िोिना नहीं चाहते हैं। सभी अंग इसके अतभन्न हैं |
पर जजंदर्ी भर साथ,
तमश्रण 29 र ज्यों क यह,
रहना चाहते हैं।
यह ाँ बोतलय ाँ तभन्न-तभन्न हैं|
इसीमलए हम उनसे प्यार करते हैं। भ रि म ाँ के ल ल सभी हैं,
हम उनसे लिते हैं, प्र णों से जो प्य र है |
पर दो ममनट के बाद साथ होते हैं। कभी न द्वेष रहे आपस में,
प्य र -प्रीति सबक हो गहन |
दोस्तों के साथ लिाई – झर्िा,
करने में मजा आता है। एक चमन में श ंति पूर्वक,
इसीमलए हम साथ हैं। सबको तमल जुलकर रहन |
एक-दूसरे की जो मदद करे, र ण जन्मे इस भूतम पर,
िही असली दोस्त है। यह ाँ तशर् जी भी आए थे|
भगि ससंह ने फ ाँसी चूमी,
हम कभी एक-दूसरे को,
यह ाँ ि त्य मुस्क ए थे|
रोते नहीं देख सकते हैं।
इसीमलए हम दोस्त हैं। र्ीर भूतम है भ रि मेर ,
हम साथ रोते हैं, प्य र है प्र णों से हरदम|
हम साथ हसते हैं, इसकी रक्ष हमें हैं करनी,
जब िक रहे दम में दम I
हम साथ-साथ मस्ती करते हैं,
उदय र ज (8 - J)
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हम साथ में एक-दूसरे को,
अपने राज बताते हैं।
इसीमलए हमारा एक-दूसरे से प्यार है ।
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श्रेया हरीश नंदानी (8 - G)
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